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उत्तराखंड का भूगोल | Geography of Uttarakhand
उत्तराखंड: भौगोलिक स्थिति Uttarakhand Physical Location & Division उत्तराखंड का भूगोल | Geography of Uttarakhand उत्तराखंड (एक दृष्टि में) [उत्तराखंड का भूगोल | Geography of Uttarakhand ] स्मरणीय तथ्य (PTR – Points To Remember) राज्य का गठन——-9 नवंबर, 2000 उत्तरांचल से उत्तराखंड नाम पड़ा ——- 1 जनवरी, 2007 को पौराणिक नाम ——- केदारखंड या मानसखंड लंबाई —- पूर्व से पश्चिम की ओर ———358 किमी. चौड़ाई—– उत्तर से दक्षिण की ओर —–320 किमी. क्षेत्रफल―—-53,483 वर्ग किमी. (भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी. का लगभग 1.63%)। वर्तमान में राज्यों में क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत में स्थान —— 18वां राजधानी ——— देहरादून (अस्थायी )। प्रस्तावित राजधानी –—- गैरसैंण सीमावर्ती देश…
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उत्तराखण्ड अनुसूचित जाति एवं जनजातियाँ Tribes of Uttarakhand
उत्तराखण्डः अनुसूचित जाति एवं जनजातियाँ Tribes of Uttarakhand: Schedule caste and Schedule Tribes उत्तराखण्डः अनुसूचित जाति एवं जनजातियाँ जनगणना, 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 1,00,86,292 हैं। इसमें संयुक्त रूप से अनुसूचित जाति व जनजाति लोगों की जनसंख्या 21,84,419 है, जो कि राज्य की कुल जनसंख्या के 21.65 हैं। अनुसूचित जाति व जनजाति सम्बंधी राज्य स्तरीय जननांकीय आंकड़े इस प्रकार हैं- मद Schedule Caste Schedule Tribes कुल जनसंख्या 18,92,516 2,91,903 राज्य की कुल जनसंख्या में प्रतिशत 18.8 2.9 पुरुष जनसंख्या 9,86,586 (52.13%) 1,48,669 (50.93%) महिला जनसंख्या 9,23,930 (47.87%) 1,43,235 (49.07%) लिंगानुपात 936 963 अनुसूचित जातियाँ अगरिया, बधिक, बादी, बहेलिया, बैगा, बैसवार, बजनिया, बाजगी, बलहर, बलाई, बाल्मिक,…
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उत्तराखण्ड परिवहन तंत्र Transport of Uttarakhand
उत्तराखण्ड परिवहन तंत्र Transport of Uttarakhand उत्तराखण्ड : परिवहन तंत्र जो भूमिका शरीर में धमनियों का है, वही भूमिका किसी देश या राज्य में परिवहन के साधनों का है। बिना परिवहन साधनों का विकास किये, किसी देश या राज्य का समुचित विकास सम्भव नहीं है। कठिन भौतिक संरचना के कारण भारत-चीन युद्ध के पूर्व तक इस पर्वतीय क्षेत्र में परिवहन के साधनों का विकास अपेक्षाकृत बहुत कम हुआ था। लेकिन युद्ध के बाद सामरिक महत्व को देखते हुए इसके विकास पर अधिकाधिक बल दिया जाने लगा। राज्य के गठन के बाद इसके विकास में और तीव्रता आई है। राज्य में प्रयुक्त परिवहन साधनों का संक्षिप्त वर्णन अधोलिखित है । सड़क…
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उत्तराखंड जनगणना 2011 Uttarakhand census 2011
उत्तराखंड जनगणना 2011 Uttarakhand census 2011 उत्तराखण्ड जनगणना- 2011 उत्तराखण्ड जनगणना- 2011 यद्यपि भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई लेकिन इसकी विधिवत शुरूआत 1881 में रिपन के काल से हुई और तब से प्रत्येक 10 वर्ष पर नियमित जनगणना होती रही है। वर्ष 2011 में 15वीं जनगणना सम्पन्न हुई । जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2011 के 00:00 रखी गई थी। इसके अनंतिम आंकड़े 31 मार्च, 2011 को जारी किये गये थे जबकि अंतिम आंकड़े 30 अप्रैल, 2013 को नई दिल्ली में जारी किये गये हैं। प्रदेश स्तर पर राज्य सम्बंधी अनंतिम आंकड़े 2 अप्रैल, 2011 को देहरादून में जारी किये गये थे, जबकि अंतिम आंकड़े 31 मई,…
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National Park of Madhya Pradesh राष्ट्रीय उद्यान
National Park and Wildlife Sanctuary of Madhya Pradesh राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य भारत में वर्ष 1972 में वन्य जीव अधिनियम पारित किया गया, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रीय उद्यानों तथा वन्य प्राणी अभ्यारण्यों की स्थापना की गयी। मध्य प्रदेश में दुर्लभ प्रजाति के जीवों के संरक्षण हेतु वर्ष 1974 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया गया। भारत में राष्ट्रीय उद्यान अधिनियम वर्ष 1952 में लागू किया गया। मध्य प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान तथा 26 अभ्यारण्य स्थापित किए गए हैं, जिनमें 7 टाइगर रिजर्व, 2 खरमौर अभ्यारण्य, 2 सोन चिड़िया अभ्यारण्य, 3 घड़ियाल ( एवं अन्य जलीय जीव) अभ्यारण्य तथा 2 राष्ट्रीय उद्यान जीवाश्म संरक्षण हेतु स्थापित…
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Census of Jharkhand
Chapter-07 Census of Jharkhand झारखण्ड : जनसंख्या तथा नगरीकरण जनसंख्या Population वर्ष 2011 की जनगणना के अंतिम आँकड़ों के अनुसार झारखंड की कुल जनसंख्या 3,29,88,134 है जो देश की कुल जनसंख्या का 2.72% है। जनसंख्या के आधार पर झारखंड देश का 13वां बड़ा राज्य है। झारखंड की कुल जनसंख्या में पुरुषों की जनसंख्या 16930315 है जो राज्य की कुल जनसंख्या का 51.32% है। राज्य में महिलाओं की कुल जनसंख्या 16057819 है । जो राज्य की कुल जनसंख्या का 48.68% है। राज्य में कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या 76.0% तथा शहरी जनसंख्या 24.0% है। 0-6 वर्ष आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 53,89,495 है, जिसमें से 27,67,147 बालक तथा 26,22,348 बालिकाएँ हैं।…
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Rivers of Jharkhand
Chapter-03 Drainage System of Jharkhand अपवाह प्रणाली एवं नदियाँ [Rivers of Jharkhand] अपवाह तंत्र झारखण्ड की प्रवाह प्रणाली को दो वर्गों यथा (1) दक्षिणी प्रवाह प्रणाली, (2) अंतत: गंगा में मिलने वाली नदियां; में विभाजित किया जा सकता है। स्वर्णरेखा, शंख, दक्षिणी कोयल आदि को पहले वर्ग में तथा दामोदर व उत्तरी कोयल को दूसरे वर्ग में शामिल किया जाता । इन दोनों के मध्य मिलने वाला जल विभाजन झारखण्ड के लगभग मध्यवर्ती भाग में पूर्व से पश्चिम की दिशा लिए हुए विस्तृत है। छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र में अनेक नदियों का प्रवाह है जो भिन्न-भिन्न भागों में अपना अस्तित्व बनाए हुए है। उदाहरणार्थ दामोदर तथा इसकी सहायक नदियाँ हजारीबाग…
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Minerals of Madhya Pradesh
Minerals of Madhya Pradesh धात्विक खनिज खनिज उत्पादक जिले प्रमुख क्षेत्र विशेष ताँबा बालाघाट, छिंदवाड़ा मलाजखण्ड ताँबा – नगरी मलाजखंड बालाघाट को कहा जाता है। यहाँ पर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) ताँबे का उत्खनन करती है । मैग्नीज बालाघाट, छिंदवाडा भरवेली, तरोड़ी, रमरमा भरवेली (बालाघाट) एशिया की सबसे बड़ी संचित खान है। मैंगनीज धारवाड़ चट्टानों में पाया जाता हैं । सोना सीधी सिंगरौली और कटनी माझौली (सीधी), इमलिया (कटनी), चकरिया (सिंगरौली) कटनी के इमलिया गाँव में 2017 व सिंगरौली के चकरिया गाँव 2019 में सोने के भण्डार प्राप्त हुए है। लौह-अयस्क जबलपुर, कटनी विजयराघवगढ़ (कटनी) लोहा कैम्ब्रियन चट्टानों में पाया जाता है । म.प्र. में लोहा उत्खनन का कार्य बैलाडीला…
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Transport of Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश का परिवहन Transport in Madhya Pradesh The Status of Transport in Madhya Pradesh Transport in Madhya Pradesh is an essential factor for the socio-economic development of the state. Connectivity in Madhya Pradesh is less than in the other neighboring states like Uttar Pradesh, Rajasthan, Maharashtra, and Gujrat. Due to poor rail connectivity in the state majority of the share of traffic is borne by road transport. The table below will show the contribution of road and railway transport to the State GDP. contribution of road and railway transport to the State GDP. Year Sectors Transport Railways Current rate Fixed rate (2011-2012) Current rate Fixed Price (2011-12) 2018-19 2.71 3.32…
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Soil of Madhya Pradesh
Soil of Madhya Pradesh मृदा मृदा पृथ्वी की सतह की सबसे ऊपरी परत है, जिसमें कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ पाये जाते हैं। इसका निर्माण चट्टानों के टूटने से निर्मित छोटे एवं महीन कणों, खनिज व जैविक पदार्थों, बैक्टीरिया आदि के मिश्रण से होता है। इस प्रकार, मृदा में केवल खनिज पदार्थों का समूह ही नहीं बल्कि जैव पदार्थ भी विद्यमान होते हैं। मध्य प्रदेश की मृदा को 5 वर्गों में विभाजित किया गया है- मृदा का वर्गीकरण काली मृदा जलोढ़ मृदा लाल-पीली मृदा मिश्रित लाल लैटेराइट मृदा एवं काली मृदा काली मृदा (Black Soil) काली मृदा को रेगुर मृदा ( Regur Soil) या काली कपास मृदा (Black Cotton Soil), करेल…