अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter
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अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

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अर्द्ध सरकारी पत्र [ Semi- official Letter]

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[ IT COVERS LAST 30 YEARS LETTERS OF UPPSC (UPPER+LOWER+RO/ARO) AND OTHER STATE CIVIL SERVICE EXAMINATIONS.MORE THAN 150 LETTERS WITH EXPLANATIONS ]-

(1) शासनादेश (G.O.),[ Official Letter] (2) अर्धशासकीय पत्र (D.O.), (3) परिपत्र (Circular Letter), (4) द्रुत पत्र (Express Letter) (5) अशासकीय पत्र (Unofficial Letter), (6) तार (Telegram), (7) कार्यालय स्मृति पत्र (Office Memorandum), (8) प्रस्ताव (Resolution), (9) प्रेस विज्ञप्ति (Press Communique), (10) अधिसूचना, सूचना, विज्ञापन (Notification, Advertisement, Notice), (11)पृष्ठांकन(Endorsement), (12) अनुस्मारक पत्र (Reminder)

प्रश्न-1 : स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ की ओर से सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजने के लिए एक अर्द्ध सरकारी पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए जिसमें उत्तर प्रदेश में कुपोषण से जूझते बच्चों के इलाज के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से पूर्व में माँगी गई सहायता को यथाशीघ्र स्वीकृत करने के लिए आग्रह किया गया हो। (UPPSC Mains Exam 2018)

प्रश्न-2 : सरकारी और अर्द्ध सरकारी पत्र का अन्तर स्पष्ट करते हुए अर्द्ध सरकारी पत्र का उदाहरण प्रस्तुत कीजिए। पत्र में अपने नाम या अनुक्रमांक का उल्लेख न करें। (UPPSC APS Mains Exam 2013)

प्रश्न-3 : अर्द्ध शासकीय पत्र किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (UPPSC APS Mains Exam 2010)

प्रश्न-4 : मुख्य सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्यों के मुख्य अधिकारियों के नाम पर शासकीय पत्र भेजा गया था, जिसमें सूखाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए थे। इसका उल्लेख करते हुए संयुक्त

सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एक अर्द्धशासकीय-पत्र उन सखाग्रस्त क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को लिखिए, जिसमें उनके द्वारा एतद्विषयक कत कार्यों की जानकारी चाही गई हो। (UKPSC RO/ARO Mains Exam 2016)

प्रश्न-5 : अर्द्धशासकीय पत्र का लिखित रूप में प्रारूप प्रस्तुत कीजिए। (UP RO/ARO Mains General Hindi, 2017)

प्रश्न-6 : एक अर्द्धशासकीय पत्र का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए। (UP RO/ARO MAINS General Hindi 2013)

प्रश्न-7 : दूरदर्शन केन्द्र, नयी दिल्ली के निदेशक की तरफ से आपको परिचर्चा-रिकार्डिंग हेतु एक पत्र मिला है। निर्धारित तिथि पर न पहुँचने के संदर्भ में निदेशक को एक अर्द्ध सरकारी पत्र लिखिए।

(UP RO/ARO MAINS General Hindi 2006)

प्रश्न-8 : उत्तर प्रदेश के चुनाव आयुक्त की ओर से वाराणसी जनपद के जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए अधिकतम एक पृष्ठ में एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए जिसमें शासन को प्राप्त जिले में विधानसभा चुनाव संबंधित अनियमितताओं की सूचनाओं के बारे में तथ्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया हो।

(UP ROIARO MAINS General Hindi 1995).

प्रश्न-9 : सोनभद्र के कलेक्टर की ओर से उत्तर प्रदेश शासन के राजस्व सचिव को एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए जिसमें उस जिले में सूखे और पानी के अभाव की स्थिति का विवरण देते हुए सूखा-राहत के कार्यों के निमित्त तुरन्त सरकारी सहायता की माँग की गयी हो। (UP RO/ARO MAINS General Hindi 1993)

प्रश्न-10: पधानाचार्य राजकीय महाविद्यालय की ओर से शिक्षानिदेशक, उच्च शिक्षा को प्रेषित किया जाने वाला एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए जिसमें पूर्व प्रेषित पत्र का सन्दर्भ देकर एक अन्य अंग्रेजी प्रवक्ता की नियक्ति के विषय में अनुरोध किया गया हो। (UP RO/ARO MAINS General Hindi 1991)

प्रश्न-11 : अर्द्ध सरकारी पत्र किसे कहते हैं? सोदाहरण समझाइए। (UPPCS Mains General Hindi (Nirasth) 2017)

प्रश्न-12 : सरकारी एवं अर्द्ध-सरकारी पत्र का अन्तर स्पष्ट करते हुए अर्द्ध-सरकारी पत्र का एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए। (UPPCS Mains General Hindi 2011, 2004, 1998)

प्रश्न-13. अर्द्ध सरकारी पत्र के उद्देश्य और रचना-शैली की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए एक नमूना प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2010)

प्रश्न-14 : उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष की ओर से पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखिए, जिसमें परिवहन सुरक्षा संबंधी कमियों को दूर करने का अनुरोध किया गया हो। (UPPCS Mains General Hindi 2009)

प्रश्न-15 : अर्द्ध शासकीय (डी.ओ.) पत्र लिखने की शैली और आवश्यकता का परिचय देते हुए उसका शुद्ध प्रारूप

प्रस्तुत कीजिए। (UPPCS Mains General Hindi 2008)

प्रश्न-16. उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार. नई दिल्ली की ओर से एक सरकारी पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए जा मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को भेजा गया हो और जिसमें शिक्षित बेरोजगारों को ऋण-सविधा देने का अनुरोध किया गया है। (UPPCS Mains General Hindi, 2007) (UK PCS Mains General Hindi, 2006)

प्रश्न-17. शासकीय एवं अर्द्धशासकीय पत्रों का अन्तर बतलाते हुए, शासकीय पत्र का एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2006)

प्रश्न-18 : अर्द्ध-सरकारी पत्र-लेखन के वैशिष्ट्य को स्पष्ट करके उसका एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2000, 02)

प्रश्न-19 : अर्द्धसरकारी पत्र किसे कहते हैं? एक अर्द्धसरकारी पत्र का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2001)

प्रश्न-1 : स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ की ओर से सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजने के लिए एक अर्द्ध सरकारी पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए जिसमें उत्तर प्रदेश में कुपोषण से जूझते बच्चों के इलाज के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से पूर्व में माँगी गई सहायता को यथाशीघ्र स्वीकृत करने के लिए आग्रह किया गया हो।

(UPPSC Mains Exam 2018) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर-

अर्द्धशासकीय पत्र- पत्र आलेखन का वह नियत प्रारूप जिसके माध्यम से शासकीय पदाधिकारी विभिन्न विषयों पर सलाह, सुझाव, वार्ता इत्यादि से सम्बन्धित पत्र व्यवहार सम्पन्न करते हैं. अर्द्ध शासकीय पत्र कहलाता है।

यह पत्र शासन के भीतर तथा कतिपय विशिष्ट परिस्थितियों में शासन के बाहर किसी विशेष व्यक्ति तक व्यवहृत होता है।

उदाहरण–

अर्द्ध शा.प.सं.-12ख/20च/2020-21

स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश

अनुभाग-1     

दि. – 20 मार्च, 2020, लखनऊ

क.ख.ग.,   

मुख्य सचिव।

विषय- कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों के इलाज हेतु, पूर्व में मांगी गयी सहायता स्वीकृत किए जाने के आशय से।

प्रिय श्री महोदय,

                    उक्त विषय की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए आपसे यह अनुरोध है कि प्रदेश में वर्तमान समय में अधिकांश बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं। इनके इजाज हेतु शासन स्तर पर केन्द्र से सहायता राशि मांगी गयी थी परन्तु अब तक यह राशि उपलब्ध नहीं हो पायी है।

2- तत् सम्बन्ध में अपेक्षित सहायता राशि यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का कष्ट करें जिससे कुपोषित बच्चों का इलाज समयागत किया जा सके।

ससम्मान,

भवन्निष्ठ

ह0………..

(क.ख.ग)

सेवा में,

श्री य.र.ल.,

सचिव,

स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार,

नयी दिल्ली।


प्रश्न-2 : सरकारी और अर्द्ध सरकारी पत्र का अन्तर स्पष्ट करते हुए अर्द्ध सरकारी पत्र का उदाहरण प्रस्तुत कीजिए। पत्र में अपने नाम या अनुक्रमांक का उल्लेख न करें। (UPPSC APS Mains Exam 2013) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर :

सरकारी तथा अर्द्धसरकारी पत्र में अंतर

सरकारी अर्द्ध सराकरी
सरकारी पत्र, आलेखन का वह औपचारिक प्रारूप होता है जिसमें एक पद से दूसरे पद को किसी शासकीय नीतियों, निर्णयों, आदेशों, निर्देशों इत्यादि से सन्दर्भित पत्र व्यवहार किया जाता है। अर्द्धसरकारी पत्र वह आलेखन प्रारूप होता है जिसमें शासकीय कार्य व्यवहारों के लिए विभिन्न अधिकारियों अथवा किसी अशासकीय व्यक्ति के मध्य व्यक्तिगत स्तर पर विचार-विमर्श इत्यादि हेतु पत्र व्यवहार किया जाता है।
इसकी भाषा सदैव संक्षिप्त, सारगर्भित रूढ़ व औपचारिक होती है जिसमें किसी व्यक्तिगत भाव के लिए स्थान नहीं होता है। इस पत्र की भाषा सदैव मैत्री व आत्मीय भाव से युक्त होती है।
इसे तटस्थ भाव से अन्य पुरुष शैली में लिखा जाता है। यह पत्र एक वचन व उत्तम पुरुष के रूप में प्रायः अनौपचारिक शैली में लिखा जाता है।
इस पत्र को प्रेषिती कार्यालय का नियत प्राधिकारी खोलता है। व्यक्तिगत होने के कारण इस पत्र को सदैव प्रेषिती ही खोलता है।
इस पत्र का सम्बोधन मात्र औपचारिक शब्दावली ‘महोदय’ के साथ होता है तथा समापन में किसी प्रकार के आदरसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं होता। इस पत्र का सम्बोधन अनौपचारिक शब्दावली ‘प्रिय श्री महोदय’ के साथ होता है तथा समापन में सदैव सादर, ससम्मान जैसे

आदरसूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

अर्द्ध सरकारी पत्र का उदाहरण

अर्द्ध शा0प0सं0-12क/2च/2021-22

उत्तर प्रदेश सूचना आयोग

क.ख.ग.,                                                                                                                                                                   

अधिष्ठान अनुभाग-1

मुख्य सूचना आयुक्त।                                                                                                                             

दि0-12 अगस्त, 2021, लखनऊ

विषयः राज्य में दो राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की व्यवस्था के संदर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                       उक्त विषय में आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में दो राज्य सूचना आयुक्त श्री च.छ.ज. तथा श्री प.फ.ब. कायरत हैं। दिनांक 15/02/2022 को श्री च.छ.ज. तथा दिनांक 12/03/2022 को मेरा कार्यकाल पूर्ण हो रहा है। इसके अतिरिक्त दिनाक 18/11/2021 को श्री प.फ.ब. का कार्यकाल भी पूर्ण होगा।

                      2. उक्त के सम्बन्ध में पुनः अनुरोध है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त द्वितीय अपीलों/ शिकायतों का सुनवाई का कार्य प्रभावित न हो, इस हेतु श्रेयस्कर होगा कि श्री च.छ.ज. व मेरा कार्यकाल पूर्ण होने के छ:माह पूर्व ही दो राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कर ली जाये ताकि उपर्युक्तानुसार वर्तमान मुख्य/राज्य सूचना आयुक्तों का कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व ही नये राज्य सूचना आयुक्त भली-भाँति अपने कार्य में स्थापित हो जायें।

ससम्मान्,

भवन्निष्ठ

ह0…………..

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री अ.ब.स.,

मुख्य सचिव,

उ.प्र.शासन, लखनऊ।


प्रश्न-3 : अर्द्ध शासकीय पत्र किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (UPPSC APS Mains Exam 2010) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

अर्द्ध शासकीय पत्र- पत्र लेखन का वह नियत प्रारूप जिसके माध्यम से शासकीय पदाधिकारी आपस में तथा शासन से बाहर किसी अशासकीय व्यक्ति से विचार-विमर्श, सलाह-सुझाव या वार्ता करते हैं, अर्द्धशासकीय पत्र कहलाता है। उदाहरण

अर्द्ध शा0प0सं0-13क/20ख/2021-22

क.ख.ग.,                                                                                                                                                         

गृह मंत्रालय, उ0प्र0 शासन

मुख्य सचिव।                                                                                                                                                                             

अनुभाग-3

दि.- 15 अप्रैल, 2021, लखनऊ

विषय : लॉकडाउन के दौरान सम्बन्धित जनपद में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के आशय से।

प्रिय श्री महोदय,

                           उपर्युक्त विषय का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें कि प्रदेश के 15 जनपदों में कोविड-19 के कारण 15 अप्रैल 2021 से 20 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। इस दौरान सम्बन्धित जनपद में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

                        2- पत्र आपको सूचनार्थ प्रेषित।

सादर,

भवन्निष्ठ

ह 0 ………

– (क.ख.ग.)

सेवा में,

य.र.ल.,

पुलिस महानिदेशक,

उ0 प्र0 शासन, लखनऊ।

 


प्रश्न-4 : मुख्य सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्यों के मुख्य अधिकारियों के नाम पर शासकीय पत्र भेजा गया था, जिसमें सूखाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए थे। इसका उल्लेख करते हुए संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एक अर्द्धशासकीय-पत्र उन सखाग्रस्त क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को लिखिए, जिसमें उनके द्वारा एतद्विषयक कत कार्यों की जानकारी चाही गई हो। (UKPSC RO/ARO Mains Exam 2016) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर—-

सं0-10/2च/2016-17

क.ख.ग.,                                                                                                                                                       

गृह मंत्रालय, भारत सरकार

संयुक्त सचिव।                                                                                                                                                                 

सेवा अनुभाग-2

दि0-12जून 2016, नई दिल्ली

विषय- सूखाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याओं से निपटने हेतु कृत कार्यवाही प्रेषित करने के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                            उक्त विषय में आपसे अपेक्षा है कि सूखाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याएँ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, जिससे निपटने के आवश्यक निर्देश आपको पूर्व में ही दिए जा चुके हैं। उक्त क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान प्राप्त निर्देशों के अनुसार करने का कष्ट करें।

                               2. पूर्व में दिए गये निर्देशों को आधार बनाकर जो भी कार्य सूखाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याओं के निपटान हेतु सम्पादित किये जा रहे हों उससे शासन को अवगत कराने का कष्ट करें।

सादर,

संलग्नक-पूर्व प्रेषित निर्देशों की छायाप्रति।                                                                                                                                     

 भवन्निष्ठ

ह0……….

(क.ख.ग.)

सेवा में,

समस्त जिलाधिकारी, (सूखाग्रस्त क्षेत्र)

उत्तराखण्ड सरकार।


प्रश्न-5 : अर्द्धशासकीय पत्र का लिखित रूप में प्रारूप प्रस्तुत कीजिए। (UP RO/ARO Mains General Hindi, 2017) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर

अर्द्धशासकीय पत्र का लिखित प्रारूप

अर्द्ध शा0प0सं0-10/2क/2017-18

क.ख.ग.,                                                                                                                                                                 

कार्यालय मण्डलायुक्त

मण्डलायुक्त।                                                                                                                                                                             

अनुभाग-1

दि0-12 दिसम्बर, 2017, प्रयागराज

विषय- माघ मेला 2017-18 के सम्बन्ध में अपेक्षित प्रशासनिक सहयोग किए जाने विषयक।

प्रिय श्री महोदय,

                         उक्त विषय में आपसे अपेक्षित है कि प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन किया जा रहा है, तत्क्रम में व्यवस्था बनाए रखने हेतु सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।

                      2. चूँकि उक्त आयोजन में भारत सहित विश्व के विभिन्न भागों से करोड़ों लोगों के आने की सम्भावना है, जिसके परिप्रेक्ष्य में सदढ़ प्रशासनिक व्यवस्था करना अपरिहार्य है।

ससम्मान्,

भवन्निष्ठ

ह0……….

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

जिलाधिकारी,

कौशाम्बी।


प्रश्न-6 : एक अर्द्धशासकीय पत्र का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए। (UP RO/ARO MAINS General Hindi 2013) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर

अर्द्धशासकीय पत्र का प्रारूप

अर्द्ध शा०प०सं०-………

नाम-………………..,                                                                                                                                           

 विभाग-………………….

पद-………………  I                                                                                                                                             

अनुभाग-…………………

दि0…………, स्थान………..

विषय-………………………………………के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                            उक्त विषय में आपसे अपेक्षित है कि …………

…………….

………

                     2………………………………………………………………………………………………..

ससम्मान,

भवन्निष्ठा

ह0………………..

(नाम……………)

सेवा में,

श्री

पद……………

शासकीय पता…………..,

………………………….।


प्रश्न-7 : दूरदर्शन केन्द्र, नयी दिल्ली के निदेशक की तरफ से आपको परिचर्चा-रिकार्डिंग हेतु एक पत्र मिला है। निर्धारित तिथि पर न पहुँचने के संदर्भ में निदेशक को एक अर्द्ध सरकारी पत्र लिखिए।

(UP RO/ARO MAINS General Hindi 2006) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर

अर्द्ध शा0प0सं0-12/2क/2006-07

अ.ब.स.,                                                                                                                                                                               

 दूरदर्शन केन्द्र

संवादाता।                                                                                                                                                                           

सेवा अनुभाग-2

दि0-15 दिसम्बर, 2006, लखनऊ

विषय- परिचर्चा-रिकार्डिंग में न पहुँच पाने के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                         मुझे आपकी तरफ से परिचर्चा- रिकार्डिंग हेतु पत्र प्राप्त हुआ है। इस सम्बन्ध में मैं आपको अवगत करना चाहता हूँ कि मैं स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों के फलस्वरूप निर्धारित तिथि पर पहुँचने में असमर्थ हूँ।

                            2. तत् सम्बन्ध में आपसे निवेदन है कि कृपया मुझे परिचर्चा रिकार्डिंग हेतु पुनः एक अवसर प्रदान करने का कष्ट करें।

ससम्मान,

भवन्निष्ठ

ह0 ……….

(अ.ब.स.)

सेवा में,

श्री क.ख.ग.,

निदेशक,

दूरदर्शन केन्द्र, नयी दिल्ली।


प्रश्न-8 : उत्तर प्रदेश के चुनाव आयुक्त की ओर से वाराणसी जनपद के जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए अधिकतम एक पृष्ठ में एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए जिसमें शासन को प्राप्त जिले में विधानसभा चुनाव संबंधित अनियमितताओं की सूचनाओं के बारे में तथ्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया हो।

(UP ROIARO MAINS General Hindi 1995). अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर

अर्द्ध शा0प0सं0-10/2क/1995-96

क.ख.ग.,                                                                                                                                                                 

राज्य निर्वाचन आयोग

चुनाव आयुक्त।                                                                                                                                                                 

सेवा अनुभाग-2

दि0-12 दिसम्बर, 1995, लखनऊ

विषय- जिले में विधानसभा चनाव से संबन्धित अनियमितताओं की सचना प्रेषित करने के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                            उक्त विषय में आपसे अपेक्षित है कि विगत 5 नवम्बर को आपके जनपद में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में निवाचन प्रेक्षकों तथा विभिन्न संचार माध्यमों से विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं की सूचना प्राप्त हुई है। अनियमितताआ है कि विधानसभा चनाव में चनाव आयोग द्वारा निर्धारित चनावी नियमों की खली अवहेलना की गयी है। तत्क्रम में जनपद म कई स्थानों से बूथ कैप्चरिंग की सूचना भी प्राप्त हुई है। जिससे चुनावी परिणाम पर प्रतिकूल असर पड़ने की सम्भावना है।

                          2. आपसे यह भी अपेक्षित है कि सरकारी साधनों का दलीय हितों में प्रयोग. सरकारी कर्मचारियों का फर्जी मतदान म सालप्तता तथा चनावी हिंसा जैसी खबरें निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाती है।

                          3. अतः चुनाव के दौरान हुई अनियमितताओं की उक्त सूचनाओं से चुनाव आयोग को अविलम्ब लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कष्ट करें, जिससे आवश्यकतानुसार पुनर्मतदान के सन्दर्भ में निर्णय लिया जा सके।

ससम्मान्,

भवन्निष्ठ

ह0 ……….

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

जिलाधिकारी,

वाराणसी।


प्रश्न-9 : सोनभद्र के कलेक्टर की ओर से उत्तर प्रदेश शासन के राजस्व सचिव को एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए जिसमें उस जिले में सूखे और पानी के अभाव की स्थिति का विवरण देते हुए सूखा-राहत के कार्यों के निमित्त तुरन्त सरकारी सहायता की माँग की गयी हो। (UP RO/ARO MAINS General Hindi 1993)

उत्तर –

अर्द्ध शा०प०सं०-12क/2/1993-94

क.ख.ग.,                                                                                                                                                                 

जिलाधिकारी कार्यालय

जिलाधिकारी।                                                                                                                                                                             

अनुभाग-1

दि0- 12 जुलाई, 1993, सोनभद्र

विषय- जनपद में सूखा राहत कार्यों के लिए सरकारी सहायता के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                             उक्त विषय में आपसे अपेक्षित है कि प्रदेश के सोनभद्र जनपद में अल्पवृष्टि के कारण भयंकर सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिसके कारण खेतों के लिए आवश्यक पानी के साथ-साथ पेयजल की अनुपलब्धता विकट स्थिति को पैदा कर रही है। सूखे की विकट स्थिति के कारण जिले के निवासी भुखमरी के कारण पलायन कर रहे हैं। पानी के अभाव के कारण मनुष्यों के साथ-साथ अन्य जीव-जन्तुओं का भी अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।

                              2. अतः इस विकट स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए सूखा राहत कार्यों के संचालन हेतु आर्थिक सहायता के साथ-साथ खाद्यान्न एवं पशुचारे की शासन द्वारा शीघ्रातिशीघ्र व्यवस्था किया जाना अति आवश्यक है।

                            3. कृपया उक्त सम्बन्ध में अपने विभाग के अधीनस्थ समस्त सरकारी संस्थानों को आवश्यक निर्देश जारी करके जिले की सूखे की समस्या का सामना करने में सहयोग करने का कष्ट करें।

ससम्मान्,

भवन्निष्ठ

ह0 ………..

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

सचिव,

राजस्व विभाग,

लखनऊ।


प्रश्न-10: पधानाचार्य राजकीय महाविद्यालय की ओर से शिक्षानिदेशक, उच्च शिक्षा को प्रेषित किया जाने वाला एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए जिसमें पूर्व प्रेषित पत्र का सन्दर्भ देकर एक अन्य अंग्रेजी प्रवक्ता की नियक्ति के विषय में अनुरोध किया गया हो। (UP RO/ARO MAINS General Hindi 1991) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर –

अनु०प०सं0-2/12क/1991-92

क.ख.ग,                                                                                                                                                                   

कार्यालय प्रधानाचार्य।

प्रधानाचार्य                                                                                                                                                                           

  सेवा अनुभाग

दि0- 10 जुलाई, 1991, प्रयागराज

विषय- महाविद्यालय में एक अन्य अंग्रेजी प्रवक्ता की नियुक्ति विषयक पूर्व प्रेषित पत्र के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                         कृपया उक्त विषय का संज्ञान लेना चाहें, जिस सम्बन्ध में आपके समक्ष पर्व में पत्र सं0-2/12/1991-92, दिनांक-12/04/1991 प्रापत किया गया था।

                          2. उक्त विषय में आपसे पुनः अनुरोध है कि महाविद्यालय में एक अन्य अंग्रेजी प्रवक्ता को नियुक्त करने का कष्ट करें जिससे पठन-पाठन का कार्य अबाध गति से होता रहे।

ससम्मान्,

भवन्निष्ठ

संलग्नक- यथोक्त। ह0 ………..

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

शिक्षा निदेशक,

उच्च शिक्षा आयोग,

प्रयागराज।


प्रश्न-11 : अर्द्ध सरकारी पत्र किसे कहते हैं? सोदाहरण समझाइए। (UPPCS Mains General Hindi (Nirasth) 2017) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर

परिभाषा- अर्द्ध सरकारी पत्र आलेखन का वह औपचारिक प्रारूप होता है जिसके माध्यम से विभिन्न अधिकारियों के मध्य शासकीय प्रयोजनार्थ विचार-विमार्श, वार्ता-बैठक, ध्यानाकर्षण वाले विशिष्ट मामले, कतिपय गोपनीय मामलों इत्यादि संदर्भित कार्य व्यवहार सम्पादित किया जाता है।

विशेषता

  • इसका उद्गम सदैव शासन के भीतर किसी अधिकारी के स्तर से होता है जबकि इसका गन्तव्य शासन के भीतर किसी भी अथवा शासन के बाहर किसी विशिष्ट व्यक्ति तक होता है।
  • इसका संचालन द्विआयामी होता है जो प्रायः समान स्तर के अधिकारियों के मध्य व्यवहृत होता है, परन्तु कभी-कभा इसका व्यवहार कनिष्ठ से वरिष्ठ अथवा वरिष्ठ से कनिष्ठ के मध्य भी होता है।
  • इसकी विषय-वस्तु में शासकीय कार्य व्यवहार से जुड़ी सूचनाएं, आदेश, निर्देश इत्यादि निहित होते हैं।
  • अद्ध सरकारी पत्र सदैव मैत्री व आत्मीय भाव में लिखा जाता है. जिसमें अपेक्षा. अनरोध, निवेदन, ससम्मान इत्यादि शब्दावलियों का प्रयोग किया जाता है।
  • पत्र का प्रारूप पूर्णतः नियत व औपचारिक होता है जिसे एकवचन व उत्तर पुरुष के रूप में प्रायः अनौपचारिक शैली में लिखा जाता है।
  • व्यक्तिगत होने के कारण पत्र को सदैव प्रेषिती ही खोलता है तथा इसकी प्रतिलिपि भी किसी को नहीं भेजी जाता।

अर्द्धसरकारी पत्र का उदाहरण

अर्द्ध शा०प०सं0-12क/2/2017-18

क ख ग                                                                                                                                                                                 

 खेल मंत्रालय

विशेष सचिव।                                                                                                                                         

नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन विभाग

अनुभाग-4

दि0-04 जनवरी, 2017, नई दिल्ली

विषय- श्री च. छ. ज., स्वर्ण पदक विजेता, ओलम्पिक 2012, को खेल नीति -2018 में सहयोग प्रदान किये जाने की अपेक्षा

के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                           कृपया उक्त विषय में अवगत होना चाहें, तत् सम्बन्ध में यह अपेक्षित है कि सरकार द्वारा देश में खेल भावना को बढ़ाने एवं नवोदित खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देकर सभी खेलों में अधिक से अधिक पदक प्राप्त करने हेतु आप सहयोग करना चाहें।

                           2. चूँकि आपके खेल उपलब्धियों को देखते हुए अनेक युवा प्रोत्साहित है। सम्भव है कि यदि आप द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया जाए तो खेल नीति-2018 को अधिक लक्षित एवं सफल बनाया जा सकता है। इस आशय हेतु सरकार आपको खेल-नीति निर्माण कमेटी के सलाहकार पद पर, संलग्न पत्र पर उल्लिखित शर्तों के अधीन, नामित करना चाहती है।

                              3. कृपया उक्त पद-भार को ग्रहण करने हेतु अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें।

सादर,

संलग्नक-उपर्युक्तानुसार।                                                                                                                                                           

भवन्निष्ठ

ह0 …

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

(ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता)

10, एम0जी0रोड, बान्द्रा, मुम्बई।


प्रश्न-12 : सरकारी एवं अर्द्ध-सरकारी पत्र का अन्तर स्पष्ट करते हुए अर्द्ध-सरकारी पत्र का एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए। (UPPCS Mains General Hindi 2011, 2004, 1998) अर्द्ध सरकारी पत्र Semi- official Letter

उत्तर

शासकीय तथा अर्द्धशासकीय पत्र में अंतर

सरकारी अर्द्ध सराकरी
सरकारी पत्र, आलेखन का वह औपचारिक प्रारूप होता है जिसमें एक पद से दूसरे पद को किसी शासकीय नीतियों, निर्णयों, आदेशों, निर्देशों इत्यादि से सन्दर्भित पत्र व्यवहार किया जाता है। अर्द्धसरकारी पत्र वह आलेखन प्रारूप होता है जिसमें शासकीय कार्य व्यवहारों के लिए विभिन्न अधिकारियों अथवा किसी अशासकीय व्यक्ति के मध्य व्यक्तिगत स्तर पर विचार-विमर्श इत्यादि हेतु पत्र व्यवहार किया जाता है।
इसकी भाषा सदैव संक्षिप्त, सारगर्भित रूढ़ व औपचारिक होती है जिसमें किसी व्यक्तिगत भाव के लिए स्थान नहीं होता है। इस पत्र की भाषा सदैव मैत्री व आत्मीय भाव से युक्त होती है।
इसे तटस्थ भाव से अन्य पुरुष शैली में लिखा जाता है। यह पत्र एक वचन व उत्तम पुरुष के रूप में प्रायः अनौपचारिक शैली में लिखा जाता है।
इस पत्र को प्रेषिती कार्यालय का नियत प्राधिकारी खोलता है। व्यक्तिगत होने के कारण इस पत्र को सदैव प्रेषिती ही खोलता है।
इस पत्र का सम्बोधन मात्र औपचारिक शब्दावली ‘महोदय’ के साथ होता है तथा समापन में किसी प्रकार के आदरसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं होता। इस पत्र का सम्बोधन अनौपचारिक शब्दावली ‘प्रिय श्री महोदय’ के साथ होता है तथा समापन में सदैव सादर, ससम्मान जैसे आदरसूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

अर्द्धसरकारी पत्र का उदाहरण

अर्द्ध शा०प०सं०-12क/2/2011-12

क.ख.ग.,                                                                                                                                                   

नदी जल एवं पर्यावरण विभाग

संयुक्त सचिव।                                                                                                                                                                           

मध्य प्रदेश

सेवा अनुभाग-4

दि0- 15जून, 2011, भोपाल

विषय- नर्मदा नदी जल संरक्षण कार्य-योजना के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय

                       उक्त विषय में आपसे अनरोध है कि नर्मदा नदी जल-संरक्षण कार्य-योजना के सन्दर्भ में भमिहीन विस्थापित नागरिको हेतु निर्मित आवासो का मरम्मतीकरण यथाशीघ्र कराने का कष्ट करें, जिससे उक्त सन्दर्भ में आवास-आवंटन प्रक्रिया यथासमय पूरी की जा सके।

                       2. यह भी निवेदन है कि उक्त प्रक्रिया पूर्व में ही काफी विलम्बित हो चकी है। अतः विस्थापितों के उचित समायोजन हेतु इसे यथाशीघ्र पूरा किया जाना केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार अपरिहार्य है।

ससम्मान्,

भवन्निष्ठ

ह0 ………..

(क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

संयुक्त सचिव,

लोक निर्माण विभाग,

इन्दौर, म0प्र0।


प्रश्न-13. अर्द्ध सरकारी पत्र के उद्देश्य और रचना-शैली की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए एक नमूना प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2010)

उत्तर-

अर्द्ध सरकारी पत्र का उद्देश्य

अर्द्ध सरकारी पत्र के माध्यम से प्रायः समान स्तर के अधिकारियों के मध्य शासकीय प्रयोजनार्थ विचार-विमर्श, वार्ता-बैठक, ध्यानाकर्षण वाले विशिष्ट मामले, कतिपय गोपनीय मामलों इत्यादि संदर्भित कार्य व्यवहार सम्पादित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य अनौपचारिक व्यवहार के माध्यम से शासन के भीतर अधिकारी गणों के मध्य संवाद प्रक्रिया स्थापित कर कार्य व्यवहार में अपेक्षित तेजी लाना है। साथ ही शासन के बाहर भी शासकीय लाभों को प्राप्त करना इनका महत्त्वपूर्ण उद्देश्य होता है। विलम्बित मामलों के निपटान अथवा गोपनीय अथवा ध्यानाकर्षण वाले मामलों के सन्दर्भ में यह बेहद महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

अर्द्ध सरकारी पत्र की रचना शैली की विशेषता

  1. इसका उद्गम सदैव किसी अधिकारी के स्तर से होता है तथा गन्तव्य शासन के भीतर किसी अधिकारी अथवा शासन के बाहर किसी विशिष्ट व्यक्ति तक होता है।
  2. पत्र की विषय वस्तु के रूप में शासकीय कार्य व्यवहार से जुड़ी सूचनाएँ, आदेश, निर्देश इत्यादि निहित होते हैं।
  3. पत्र की भाषा सदैव मैत्री व आत्मीय भाव वाली होती है। इसमें अपेक्षा, अपेक्षित, अनुरोध, निवेदन, सादर, ससम्मान, कष्ट करें इत्यादि जैसी शब्दावलियों का प्रयोग किया जाता है।
  4. इसे एक वचन व उत्तर पुरुष में प्रायः अनौपचारिक शैली में लिखा जाता है।
  5. पत्र का प्रारूप सदैव नियत व औपचारिक होता है।
  6. पत्र के प्रारम्भ में सम्बोधन के लिए ‘प्रिय श्री महोदय’ शब्दावली का प्रयोग किया जाता है।
  7. इसका समापन ‘सादर’, ‘ससम्मान्’ जैसे आदरसूचक शब्द से होता है।

अर्द्ध सरकारी पत्र का नमूना

अर्द्ध शा0प0सं0-…………..

विभाग-……………….

नाम-……………..                                                                                                                                                 

अनुभाग-…………….

पद-………………।                                                                                                                                       

दि0……….,स्थान…………

विषय:-……………………………………………..…….. के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                           उक्त विषय में आपसे अपेक्षित है कि ……………..

                   2……………………..

.

.

.

सादर,

भवन्निष्ठ

संलग्नक-यथोक्त।                                                                                                                                                                   

ह0 …………

(नाम. …….)

सेवा में,

श्री……………

पद…….

शा0 पता…. ……………

…………….


प्रश्न-14 : उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष की ओर से पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखिए, जिसमें परिवहन सुरक्षा संबंधी कमियों को दूर करने का अनुरोध किया गया हो। (UPPCS Mains General Hindi 2009)

उत्तर—

अर्द्ध शा0प0सं0-10/12/2009-10

क.ख.ग.,                                                                                                                                                               

उ0प्र0 परिवहन निगम

अध्यक्ष।                                                                                                                                                                                 

अनुभाग-2

दि0 12 मार्च, 2009, लखनऊ

विषय- परिवहन सुरक्षा सम्बन्धी कमियों को दूर करने के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                           उक्त विषय में आपसे अनुरोध है, कि विगत कुछ महीनों से जिले में समाचार पत्रों के माध्यम से परिवहन असुरक्षा की खबरें सामने आ रही हैं जिनमें यातायात के दौरान लूट-पाट, मार-पीट, महिलाओं से छेड़खानी इत्यादि घटनाएँ प्रकाश में आयी हैं जो सुरक्षा सम्बन्धी कमियों को रेखांकित करती हैं।

                   2. अतः आपसे अनुरोध है कि उक्त सुरक्षा सम्बन्धी कमियों को दूर करने का कष्ट करें, जिससे परिवहन को सुरक्षित बनाया जा सके।

भवन्निष्ठ

संलग्नक-(1)।                                                                                                                                                                       

 ह0 …………

1. समाचार पत्रों में प्रकाशित घटनाओं की छायाप्रति।                                                                                                                 

(नाम. …….)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

पुलिस अधीक्षक,

प्रयागराज।


प्रश्न-15 : अर्द्ध शासकीय (डी.ओ.) पत्र लिखने की शैली और आवश्यकता का परिचय देते हुए उसका शुद्ध प्रारूप प्रस्तुत कीजिए। (UPPCS Mains General Hindi 2008)

उत्तर-

अर्द्ध सरकारी पत्र का उद्देश्य

अर्द्ध सरकारी पत्र के माध्यम से प्रायः समान स्तर के अधिकारियों के मध्य शासकीय प्रयोजनार्थ विचार-विमर्श, वार्ता-बैठक, ध्यानाकर्षण वाले विशिष्ट मामले, कतिपय गोपनीय मामलों इत्यादि संदर्भित कार्य व्यवहार सम्पादित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य अनौपचारिक व्यवहार के माध्यम से शासन के भीतर अधिकारी गणों के मध्य संवाद प्रक्रिया स्थापित कर कार्य व्यवहार में अपेक्षित तेजी लाना है। साथ ही शासन के बाहर भी शासकीय लाभों को प्राप्त करना इनका महत्त्वपूर्ण उद्देश्य होता है। विलम्बित मामलों के निपटान अथवा गोपनीय अथवा ध्यानाकर्षण वाले मामलों के सन्दर्भ में यह बेहद महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

अर्द्ध सरकारी पत्र की रचना शैली की विशेषता

  1. इसका उद्गम सदैव किसी अधिकारी के स्तर से होता है तथा गन्तव्य शासन के भीतर किसी अधिकारी अथवा शासन के बाहर किसी विशिष्ट व्यक्ति तक होता है।
  2. पत्र की विषय वस्तु के रूप में शासकीय कार्य व्यवहार से जुड़ी सूचनाएँ, आदेश, निर्देश इत्यादि निहित होते हैं।
  3. पत्र की भाषा सदैव मैत्री व आत्मीय भाव वाली होती है। इसमें अपेक्षा, अपेक्षित, अनुरोध, निवेदन, सादर, ससम्मान, कष्ट करें इत्यादि जैसी शब्दावलियों का प्रयोग किया जाता है।
  4. इसे एक वचन व उत्तर पुरुष में प्रायः अनौपचारिक शैली में लिखा जाता है।
  5. पत्र का प्रारूप सदैव नियत व औपचारिक होता है।
  6. पत्र के प्रारम्भ में सम्बोधन के लिए ‘प्रिय श्री महोदय’ शब्दावली का प्रयोग किया जाता है।
  7. इसका समापन ‘सादर’, ‘ससम्मान्’ जैसे आदरसूचक शब्द से होता है।

अर्द्ध सरकारी पत्र का नमूना

अर्द्ध शा0प0सं0-…………..

विभाग-……………….

नाम-……………..                                                                                                                                                     

अनुभाग-…………….

पद-………………।                                                                                                                                           

दि0……….,स्थान…………

विषय:-……………………………………………..…….. के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                      उक्त विषय में आपसे अपेक्षित है कि ……………..

                2……………………..

.

.

.

सादर,

भवन्निष्ठ

संलग्नक-यथोक्त।                                                                                                                                                                   

ह0 …………

(नाम. …….)

सेवा में,

श्री……………

पद…….

शा0 पता…. ……………

…………….


प्रश्न-16. उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार. नई दिल्ली की ओर से एक सरकारी पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए जा मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को भेजा गया हो और जिसमें शिक्षित बेरोजगारों को ऋण-सविधा देने का अनुरोध किया गया है। (UPPCS Mains General Hindi, 2007) (UK PCS Mains General Hindi, 2006)

उत्तर

अर्द्ध शा0प0सं0-12/2क/2007-08

क.ख.ग.,                                                                                                                                                   

उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार

संयुक्त सचिव।                                                                                                                                                                 

 सेवा अनुभाग-2

दि0-12 अप्रैल, 2007, नई दिल्ली

विषय- शिक्षित बेरोजगारों को ऋण सुविधा प्रदान करने के सन्दर्भ में।

प्रिय श्री महोदय,

                             उक्त सन्दर्भ में आप से अपेक्षित है कि शिक्षित बेरोजगारों को स्वनियोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना प्रारम्भ की गयी है। इसके माध्यम से शिक्षित बेरोजगारों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराकर स्वनियोजन का अवसर प्रदान किया जा सकता है।

2. अतः आपसे अनुरोध है कि इच्छक बेरोजगार युवक/युवतियों को चिह्नित करते हुए उन्हें ऋण सुविधा प्रदान करने का कष्ट करें जिससे वे अपने साथ-साथ समाज के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकें।

ससम्मान,

भवन्निष्ठ

संलग्नक- उपर्युक्तानुसार।

ह0………..

मा (क.ख.ग.)

सेवा में,

श्री च.छ.ज.,

मु. सचिव,

उ.प्र. शासन, लखनऊ।


प्रश्न-17. शासकीय एवं अर्द्धशासकीय पत्रों का अन्तर बतलाते हुए, शासकीय पत्र का एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2006)


प्रश्न-18 : अर्द्ध-सरकारी पत्र-लेखन के वैशिष्ट्य को स्पष्ट करके उसका एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2000, 02)


प्रश्न-19 : अर्द्धसरकारी पत्र किसे कहते हैं? एक अर्द्धसरकारी पत्र का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए।

(UPPCS Mains General Hindi 2001)

THE END

 

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